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खफा हो? आओ कहीं साथ बैठते हैं, तुम नाराजगी जताओ, ह

खफा हो? आओ कहीं साथ बैठते हैं,
तुम नाराजगी जताओ, हम सुनते हैं।
और कैसी चल रही है जिंदगी तुम्हारी,
हम तो तुम्हारे ही सहारे चलते हैं।

क्या कहा? मुझे लड़ना नहीं आता,
लड़ भी लें तो तुमसे कहां जीतते हैं।
अच्छा चलो हाथ पकड़ लो मेरा,
गुस्से में तुम्हारे हाथ बहुत चलते हैं।

©Chandrabhanu Rituraj
  #Hum नाराज होना अच्छी बात है, बार नाराजगी दूर न कर पाना कमजोरी की निशानी होती है।

#Hum नाराज होना अच्छी बात है, बार नाराजगी दूर न कर पाना कमजोरी की निशानी होती है। #लव

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