#AzaadKalakaar ख्यालों में कुछ भी नहीं, मैं फिर भी लिखना चाहता हूं। कुछ अधुरे ख्वाबों को अब, हकीकत में बदलना चाहता हूं। ठंडी पड़ी सीने की इस आग को, मैं हवा देकर झुलसाना चाहता हूं। समन्दर से गहरा है डर मेरे अंदर का, मैं अब लहरों से लड़कर ही डूबना चाहता हूं। नामुमकिन हर चीज बता दो मुझे, मैं मुमकिन हर कोशिश करना चाहता हूं। गिरने की चाह है मुझ में ऐसी, उम्मीद बन किसी को संभालना चाहता हूं। हुनर रखते हैं जो बुलंदियों पर पहुंचने का, दुनिया के डर को उनके दिलों से मिटाना चाहता हूं। एक कलम से मिल गये है पंख मुझे, मैं बस अब उड़ना चाहता हूं ©Chanky Rohira #hindi #nojoto #poetry #writing #Dreams #goals #writersofindia #hindiwriters #AzaadKalakaar