माना कि मैं तेरे काबिल नहीं था,फिर मुहब्बत की राहों में लेकर जाने की जरूरत क्या थी, मेरी हर एक रचना बे - अदब है तेरे लिए,फिर उसको गुनगुनाने की जरूरत क्या थी, वो बातें जिनसे मैं अनजान था कभी,आज आंखों में अश्क दे जाते हैं, इस पत्थर दिल में,प्यार का दीपक जलाने की जरूरत क्या थी ! #dilkibaatein #didiquote #divine #babaquote