1. तेरे आगोश में गले लगा सिसक कर रोये, मेरे लफ्ज़ मेरे लहजे से बहक कर रोये । 2. मैंने अपनी जिंदगी में जो महताब रखा था, उसे गैर का बनते देख फफक कर रोये । 3. सारी खुशियों को जवानी के दाँव में लगाकर, हमने बच्चों की तरह पाँव पटक कर रोये । 4. ख्वाइशें बड़ी हैं औकात भी मेरी क्या करती, मेरे हर ख्वाब मेरी आँखों से टपक कर रोये । 5.मुसलसल धरती ने जो अपने हालात को किया बयाँ, चाँद तारे आकाश में अटक कर रोये । 6. जो लोंगो ने बेवाक मेरी फिक्रों पे वार किया, माँ के जज्बातों ने दुलारों से थपक कर रोये । 7. जो उसको खोया तो गजल का राज मिल गया, चंद शब्द मेरे कागज़ से सरक कर रोये । Inspired By - Abbas Qamar #khwaab #ankit #lafz #ishk #or #mai...