नज़रे झुका मुस्कुरा दे तो मचा दे खलबली, नज़रे जो उठा के देख ले, गिरा दे बिजली, ज़ुल्फ़ें जो खोल दे घनघोर बदरी छा जाएं, जो एक बार उसे देख ले, लगी रहे टकटकी उसको ज़माने भर के लोगों से क्या पड़ी, वो ख़ुद ही अपने आप में पूरी है मंडली, स्पर्श उसका मखमली, और खूशबू संदली, दोस्ती और मोहब्बत से भरपूर अंजली!! अंजली