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मासूमियत का किसी के, यें जो अंदाजा लगाते हो तुम, उ

मासूमियत का किसी के,
यें जो अंदाजा लगाते हो तुम,
उसके चेहरे के हाव भावों से,
संभल के रहियेगा जरा,
धोखे मिलते हैं बहुत यहां,
इन्हीं अबोध दिखने वालों से।

©Ruchi Jha #masumiyat #hindi_poetry
मासूमियत का किसी के,
यें जो अंदाजा लगाते हो तुम,
उसके चेहरे के हाव भावों से,
संभल के रहियेगा जरा,
धोखे मिलते हैं बहुत यहां,
इन्हीं अबोध दिखने वालों से।

©Ruchi Jha #masumiyat #hindi_poetry
ruchijha4554

Ruchi Jha

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