जो जले थे हमारे लिए, बुझ रहे है वो सारे दिये, कुछ अंधेरों की थी साजिशें, कुछ उजालों ने धोखे दिए। ©Sarfaraj idrishi #Diwali जो जले थे हमारे लिए, बुझ रहे है वो सारे दिये, कुछ अंधेरों की थी साजिशें, कुछ उजालों ने धोखे दिए। Geeta Modi