कब तक अदा रस्म - ए - गिरिया करूं । जख्म देने वाले फकत तेरा शुक्रिया करूं । अफ़सोस तुझ तक मेरी दस्तरस नहीं है । बता तुझे पाने का और क्या जरिया करूं । azeem khan # रस्म - ए - गिरिया #