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"कदम ज़रा सम्भल कर रखना, ए-मोहब्बत मेर

    "कदम ज़रा सम्भल कर  रखना,
        ए-मोहब्बत मेरे दिल में,
      कि गुस्ताखियां माफ करने की
        अब आदत नहीं मुझे" #गुस्ताखियाँ माफ#
    "कदम ज़रा सम्भल कर  रखना,
        ए-मोहब्बत मेरे दिल में,
      कि गुस्ताखियां माफ करने की
        अब आदत नहीं मुझे" #गुस्ताखियाँ माफ#