शहरों-शहरों डगर-डगर बस दिल ने तुमको ढूंढा है। तुम भी रस्ता भूल गए मेरा भी सफ़र अधूरा है। उन यादों की गठरी में हम क्या क्या रखकर भूल गए! वक़्त से कह दो लौट चले उस पल में सब कुछ पूरा है। ख़ुश्क गुलाबों को आख़िर कब तक मैं बिखरने से रोकूं! दुनिया वालों की नज़रों में ये सब कुछ बस कूड़ा है। मैं भी हरासां हूं और तुम भी रहते हो रंजीदा से, ख़्वाब तो रेज़ा रेज़ा हैं और दिल में भी सब टूटा है। क़स्मो-वादे प्यार की बातें महज़ फ़साना लगती हैं, रस्मों-रिवाजों की दुनिया में कातिबे-इश्क़ ही झूठा है। लम्हा-लम्हा साथ मेरे तुम और सदियों की मसाफ़त भी, वीराना है दिल में ऐसा सब कुछ सूना सूना है! मंज़िल पर पहुँच कर भी सफ़र पूरा क्यों नहीं होता! #सफ़रअधूरा #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #aliem #sadiyon_ki_masafat #Yadon_ki_gathri #katib_e_ishq मसाफ़त - distance