बारिश का आना ,जैसे आसमाँ का ज़मीन से मिल पाना जैसे सूखे फ़ूलों का पानी की बूंदों से खिल जाना जैसे मिट्टी से ख़ुशबू का आना जैसे किसी पत्ते का हवा को देख मुस्कुराना जैसे परिंदों का रास्तों को अपनाना जैसे किसी शख़्स की मंज़िल का ठहर जाना बारिश का आना जैसे ज़िन्दगी को मुक़म्मल होना सिखाना जैसे लहरों का शोर मचाना,जैसे मौसम को है इश्क़ जताना।। #Arooz ©Talat Arooz #safarnama