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आज मै फिर उसे वफ़ा पर अधरों से इल्ज़ाम लगाते देखा,

आज मै फिर उसे वफ़ा पर अधरों से इल्ज़ाम लगाते देखा,
प्यार की महफ़िल से फिर उसे दफा होते देखा।
चाहत की बेचैनी और तड़प को दिखावापन कह गई,
आज मै फिर उसे किसी के दिल को नजरों से कतलयाम करते देखा।
                                    -  जगदीश्वर ye Dil Bechain SA hai..
आज मै फिर उसे वफ़ा पर अधरों से इल्ज़ाम लगाते देखा,
प्यार की महफ़िल से फिर उसे दफा होते देखा।
चाहत की बेचैनी और तड़प को दिखावापन कह गई,
आज मै फिर उसे किसी के दिल को नजरों से कतलयाम करते देखा।
                                    -  जगदीश्वर ye Dil Bechain SA hai..