अब अंगुलियों पर गिनी जा सकती साँसे। फिजा है नफरत भरी। जिनमें घुट कर रह जाती साँसे तेरा सिर्फ एक दीदार। जाकर भी लौट सकती हैं साँसे। ©Alpita MishraSiwan Bihar #Sanse #Dailystreaks