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तेरी आंखों की चमक काफी थी घने अंधेरों में रोशनी के

तेरी आंखों की चमक काफी थी घने अंधेरों में रोशनी के लिए

 अब मुकम्मल दुनिया अंधेरी अंधेरी लगती है जब से तुमने नजरें झुकाना सीख लिया

©Aurangzeb Khan
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