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तुम्हें लगता है कि तुम आजाद हो, अदाल

              तुम्हें लगता है कि तुम आजाद हो, अदालत , पुलिस, सीबीआई , सरकारी दफ्तर, नेता, मीडिया सब तुम्हारे लिए है ?? तो आज के दौर में इससे बड़ा मजाक कोई नहीं । यह सब सच बोलने वालों को दबाने के लिए है , ताकि सोए हुए सोए रहे और जागे हुए दम तोड़ दे । तो जागो !! उठ कर देखो ,क्या हो रहा है तुम्हारे आसपास ? तुम्हारी जनता होने की ताकत को पहचानो और जनता के लिए बनी इन सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का उपाय सोचो क्योंकि व्यवस्थाओं में बैठे सभी कर्मचारी भ्रष्टाचारी नहीं होते तो यह बीमारी ठीक हो सकती है बस तुम्हारी थोड़ी सी समझदारी चाहिए कि तुम आंखों पर पट्टी बांधकर किसी के पीछे नहीं चलोगे अपना भला बुरा खुद सोचोगे और बुराई के खिलाफ आवाज उठाओगे ।               तुम्हें लगता है कि तुम #आजाद हो, अदालत , पुलिस, सीबीआई , सरकारी दफ्तर, नेता, मीडिया सब तुम्हारे लिए है ?? तो आज के दौर में इससे बड़ा #मजाक कोई नहीं । यह सब सच बोलने वालों को दबाने के लिए है , ताकि सोए हुए सोए रहे और जागे हुए दम तोड़ दे । तो जागो !! उठ कर देखो ,क्या हो रहा है तुम्हारे आसपास ? तुम्हारी #जनता होने की ताकत को पहचानो और जनता के लिए बनी इन सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का उपाय सोचो क्योंकि व्यवस्थाओं में बैठे सभी कर्मचारी भ्रष्टाचारी नहीं होते तो यह बीमारी ठीक हो सकती है बस तुम्हारी थोड़ी सी समझदारी चाहिए कि तुम आंखों पर पट्टी बांधकर किसी के पीछे नहीं चलोगे अपना भला बुरा खुद सोचोगे और बुराई के खिलाफ आवाज उठाओगे । #vibrant_writer


 सब कुछ सब के सामने हो रहा है, मगर फिर भी हमें पता नहीं चलता कि क्या हो रहा है हमारे इर्द गिर्द।

याद दिलाना पड़ता है लोगों को।
Collab करें YQ Didi के साथ।
              तुम्हें लगता है कि तुम आजाद हो, अदालत , पुलिस, सीबीआई , सरकारी दफ्तर, नेता, मीडिया सब तुम्हारे लिए है ?? तो आज के दौर में इससे बड़ा मजाक कोई नहीं । यह सब सच बोलने वालों को दबाने के लिए है , ताकि सोए हुए सोए रहे और जागे हुए दम तोड़ दे । तो जागो !! उठ कर देखो ,क्या हो रहा है तुम्हारे आसपास ? तुम्हारी जनता होने की ताकत को पहचानो और जनता के लिए बनी इन सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का उपाय सोचो क्योंकि व्यवस्थाओं में बैठे सभी कर्मचारी भ्रष्टाचारी नहीं होते तो यह बीमारी ठीक हो सकती है बस तुम्हारी थोड़ी सी समझदारी चाहिए कि तुम आंखों पर पट्टी बांधकर किसी के पीछे नहीं चलोगे अपना भला बुरा खुद सोचोगे और बुराई के खिलाफ आवाज उठाओगे ।               तुम्हें लगता है कि तुम #आजाद हो, अदालत , पुलिस, सीबीआई , सरकारी दफ्तर, नेता, मीडिया सब तुम्हारे लिए है ?? तो आज के दौर में इससे बड़ा #मजाक कोई नहीं । यह सब सच बोलने वालों को दबाने के लिए है , ताकि सोए हुए सोए रहे और जागे हुए दम तोड़ दे । तो जागो !! उठ कर देखो ,क्या हो रहा है तुम्हारे आसपास ? तुम्हारी #जनता होने की ताकत को पहचानो और जनता के लिए बनी इन सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का उपाय सोचो क्योंकि व्यवस्थाओं में बैठे सभी कर्मचारी भ्रष्टाचारी नहीं होते तो यह बीमारी ठीक हो सकती है बस तुम्हारी थोड़ी सी समझदारी चाहिए कि तुम आंखों पर पट्टी बांधकर किसी के पीछे नहीं चलोगे अपना भला बुरा खुद सोचोगे और बुराई के खिलाफ आवाज उठाओगे । #vibrant_writer


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