मुद्दतों बाद आंखों ने बहाया है झरना, फेफड़ों ने जाकर अब कहीं सांस ली है, अब थक गया हूं मै ज़रूरतों का पुतला बनते - बनते, हसीं बेच कर बस मैंने कुछ ज़िन्दगी कमा ली है - Shashank Dwivedi 'Munfarid' #Language_of_tears #आंसू #दुनिया#रंग #love#life #nojoto #shashankdwivedi #shashankdwivediquotes