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मन की कल्पनाओं की बदरिया बरस रही है, शब्दावली यूं

मन की कल्पनाओं की बदरिया बरस रही है,
शब्दावली यूं आखर को तरस रही है,
मिलते नहीं है व्यंजन स्वर से कह रहे हैं,
स्वरावली व्यंजन मिलने को तरस रही है,
मन के कल्पनाओं की बदरिया.....…...! मन के कल्पनाओं की ....…...!
मन की कल्पनाओं की बदरिया बरस रही है,
शब्दावली यूं आखर को तरस रही है,
मिलते नहीं है व्यंजन स्वर से कह रहे हैं,
स्वरावली व्यंजन मिलने को तरस रही है,
मन के कल्पनाओं की बदरिया.....…...! मन के कल्पनाओं की ....…...!

मन के कल्पनाओं की ....…...!