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प्रेम सीमा नहीं प्रेम संग नहीं प्रेम पत्र नहीं प्र

प्रेम सीमा नहीं
प्रेम संग नहीं
प्रेम पत्र नहीं
प्रेम कथा नहीं
प्रेम पाश नहीं
प्रेम आश नहीं
प्रेम प्रीत नहीं
प्रेम गीत नहीं प्रेम शून्य है।प्रेम मानवता की एक मात्र परिभाषा है।मेरी इन पंक्तियों की प्रेरणा अमृता जी एवं इमरोज जी की एक कविता जो निम्नलिखित है:-
प्यार सबसे सरल
इबादत है
बहते पानी जैसी....

ना इसको किसी शब्द की जरुरत
ना किसी जुबान की मोहताजी
ना किसी वक़्त की पाबंदी
प्रेम सीमा नहीं
प्रेम संग नहीं
प्रेम पत्र नहीं
प्रेम कथा नहीं
प्रेम पाश नहीं
प्रेम आश नहीं
प्रेम प्रीत नहीं
प्रेम गीत नहीं प्रेम शून्य है।प्रेम मानवता की एक मात्र परिभाषा है।मेरी इन पंक्तियों की प्रेरणा अमृता जी एवं इमरोज जी की एक कविता जो निम्नलिखित है:-
प्यार सबसे सरल
इबादत है
बहते पानी जैसी....

ना इसको किसी शब्द की जरुरत
ना किसी जुबान की मोहताजी
ना किसी वक़्त की पाबंदी