आज फिर, आज फिर... ...लब खामोश से हैं, आंखे नम सी हैं... ...अक्स पर उदासियां हैं, आज फिर... तेरी याद बेइंतहा आई......... ...मेरी कलम........ ®$@d!k...m€h@r......77 #आज_फिर.......77