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फिर कहीं खिलती हुई सी तेरी हंसी रेत के मानिंद हाथो

फिर कहीं खिलती हुई सी
तेरी हंसी
रेत के मानिंद
हाथों से सरकते वक्त 
की तरह,
पर्वतों के बियावान में 
गूँजतीं आवाजों
सी पास आती 
दूर जाती,
हाथों में 
फूलों की खुशबू 
की तरह,
तेरी यादों की 
महक छोड़ जाती है ........
- प्रशांत निगम

©Prashant Nigam #Love #Breakeups #Life 

#Moon
फिर कहीं खिलती हुई सी
तेरी हंसी
रेत के मानिंद
हाथों से सरकते वक्त 
की तरह,
पर्वतों के बियावान में 
गूँजतीं आवाजों
सी पास आती 
दूर जाती,
हाथों में 
फूलों की खुशबू 
की तरह,
तेरी यादों की 
महक छोड़ जाती है ........
- प्रशांत निगम

©Prashant Nigam #Love #Breakeups #Life 

#Moon