"देखता हूँ ऊंचाइयों को। देखता हूँ गहराईओं को। अपने अस्तित्व को खोजता हूँ। अंतःकरण में देखकर सोचता हूँ। क्या मौत के बाद भी जीवन है। क्या मानव से भी श्रेष्ठ कोई जीवन है।" कवि:- शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता मानव अस्तित्व।