वेळेला ना रंग है ना रूप है बस बिना रुकते चलता रहता है इसलिये टाइम्स को दोष ना दो अपने कार्य को, अपने व्यवहार, निती को, अपने संस्कार को, दोष दो सब कुछ अच्छा बुरा कर्मो का और अपने कार्यो का ही हिसाब 'किताब होता है ! सदा सदा ही प्रभू की क्षमा मांगो कुछ से बहुत कुछ अच्छा होगा ©Rahul Sontakke "धन्यवाद प्रभू "