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मेरी प्यारी कविता, मेरी कविता दिल से निकले अल्फाज

मेरी प्यारी कविता, मेरी कविता दिल से निकले अल्फाज है।
चला जगाने सुप्त पडे को,ये मेरा आगाज है।
कागज को में खेत बना, बीज🌰 शब्दों के बोता हूँ।
तैयार फसल कविता की होती,देख देख खुश होता हूँ।।

कवि रामदास गुर्जर #मेरी #प्यारी #कविता#
मेरी प्यारी कविता, मेरी कविता दिल से निकले अल्फाज है।
चला जगाने सुप्त पडे को,ये मेरा आगाज है।
कागज को में खेत बना, बीज🌰 शब्दों के बोता हूँ।
तैयार फसल कविता की होती,देख देख खुश होता हूँ।।

कवि रामदास गुर्जर #मेरी #प्यारी #कविता#

मेरी प्यारी कविता#