शहर हथेली में बंधा वक़्त रेत सा फिसल गया है। चाँद मोहल्ले का किसी आंगन ढल गया है।। पनप आया खुले मैदान में जंगल इमारतों का। मगर यादों को क्या पता कि शहर बदल गया है। -मिजाज #शहर #मेराशहर #चाँद #आंगन#मोहल्ला#इश्क़#इमारत #यादें#इश्क़#पुरानीयादें#गलियां#जिंदगी#परायाशहर