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आहिस्ता_आहिस्ता एहसास हुआ , कि अल्लाह के सिवा कोई

आहिस्ता_आहिस्ता एहसास हुआ ,
कि अल्लाह के सिवा कोई रुका ही 
नही ज़िंदगी में ।।
उसके सिवा किसी ने बात ही नही की,
उसके सिवा किसी ने सुना ही नही ,
उसके सिवा किसी ने समझा ही नहीं ,
उसके सिवा किसी ने माना ही नही ,
उसके सिवा किसी ने चाहा ही नही ,
उसके जितनी मुहब्बत किसी ने किया 
ही नही ,
मैं जो नफरमानियो की समंदर ,
और वो जो मेरी नफरमानियो को 
बुराइयों को , पानी की तरह धुलता
रहा ।।   

                         (कायना खान की वॉल से।)

©Siddiqui Adnan #akela
आहिस्ता_आहिस्ता एहसास हुआ ,
कि अल्लाह के सिवा कोई रुका ही 
नही ज़िंदगी में ।।
उसके सिवा किसी ने बात ही नही की,
उसके सिवा किसी ने सुना ही नही ,
उसके सिवा किसी ने समझा ही नहीं ,
उसके सिवा किसी ने माना ही नही ,
उसके सिवा किसी ने चाहा ही नही ,
उसके जितनी मुहब्बत किसी ने किया 
ही नही ,
मैं जो नफरमानियो की समंदर ,
और वो जो मेरी नफरमानियो को 
बुराइयों को , पानी की तरह धुलता
रहा ।।   

                         (कायना खान की वॉल से।)

©Siddiqui Adnan #akela