आहिस्ता_आहिस्ता एहसास हुआ , कि अल्लाह के सिवा कोई रुका ही नही ज़िंदगी में ।। उसके सिवा किसी ने बात ही नही की, उसके सिवा किसी ने सुना ही नही , उसके सिवा किसी ने समझा ही नहीं , उसके सिवा किसी ने माना ही नही , उसके सिवा किसी ने चाहा ही नही , उसके जितनी मुहब्बत किसी ने किया ही नही , मैं जो नफरमानियो की समंदर , और वो जो मेरी नफरमानियो को बुराइयों को , पानी की तरह धुलता रहा ।। (कायना खान की वॉल से।) ©Siddiqui Adnan #akela