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हसरतों को चाँद की खूँटी पे टांग आये हैं, इस बार खु

हसरतों को चाँद की खूँटी पे टांग आये हैं, इस बार खुदा से कुछ  मिन्नते  भी करके आए हैं,
 मांगी है तेरी खुशी सिर्फ
 तेरे लिए चाहतों के दीए जलाए हैं,
 हसरतों को चांद की 
खूंटी पर टांग आए हैं।।
हसरतों को चाँद की खूँटी पे टांग आये हैं, इस बार खुदा से कुछ  मिन्नते  भी करके आए हैं,
 मांगी है तेरी खुशी सिर्फ
 तेरे लिए चाहतों के दीए जलाए हैं,
 हसरतों को चांद की 
खूंटी पर टांग आए हैं।।