Unsplash तुम्हारा यूँ देखना मुझको, मेरी ह्रदय गति बढ़ाता है..! पूछता है मन मेरा ख़ुद से ही कई सवाल, क्या ये भी इश्क़ का पाठ पढ़ाता है..! नैनों की भाषा समझता है कैसे, पुरानी लिपियाँ क्या ज़हन में गढ़ाता है..! हौले हौले करे दिल की जमीं पर कब्ज़ा, सूली इश्क़ की फिर चढ़ाता है..! क़ैद करता है ख़ूबसूरती के जाल में पँछी, बेड़ियों में जकड़ता पहले फिर उड़ाता है..! ©SHIVA KANT(Shayar) #library #hradaygati