हम अक़्सर कुछ लोगों के पास से ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं, उन्हें लगता है कि हम उनसे बात करने के क़ाविल नहीं हूँ,और हमें लगता है कि वो हमारी बात सुनने के क़ाविल नहीं है, क्योंकि हम जब भी बहां से गुज़रते हैं, तब वो किसी और से बात कर रहे होते हैं, किसी की बात रोक कर अपनी बात कहने की हमारी फ़ितरत नहीं है।।। कुछ शिकायती गुफ़्तगू