"गन्त्व्य को निकल् चुका राहगीर हु मे , बापस ना लौट पाउगा, समय जरुर लगेगा , मगर मजिल जरुर पाउगा।" -----बर्बाद बाशिन्दा ©barbad bashinda somesh कर्तव्यनिष्ठा!