चाँद पानी मे देखती होंगी फिर मेरी याद आ रही होंगी , उसके नखरे बहुत निराले थे खुद को कैसे संभालती होंगी , सारे सपने बिखरे गए शायद अब कहाँ इतनी बोलती होगी , उसकी शादी है कल समर साहब रातभर आज शाइरी होंगी .. उमैर समर #Samar manglori romentic shayari