Nojoto: Largest Storytelling Platform

रात बहुत गहरी हो चली है, अब पलकें बंद कर देते हैं

रात बहुत गहरी हो चली है, 
अब पलकें बंद कर देते हैं, 

चलो एक चादर ओढ़ लेते हैं। 

कुछ घंटे आंखों में सुकून भरकर, 
आत्मा को परमात्मा से मिलने देते हैं, 

चलो एक चादर ओढ़ लेते हैं। 

पहर रातों के गुजरने लगें हैं, 
चांदनी को भी सब भरने देते हैं, 

चलो एक चादर ओढ़ लेते हैं। 

अधूरे सपनों के मिलने का समय हैं 
ख्वाबों को भी गहराई से जीने देते हैं 

चलो एक चादर ओढ़ लेते हैं।
_पूनमसिंह रात बहुत गहरी हो चली है, 
अब पलकें बंद कर देते हैं, 

चलो एक चादर ओढ़ लेते हैं। 

कुछ घंटे आंखों में सुकून भरकर, 
आत्मा को परमात्मा से मिलने देते हैं,
रात बहुत गहरी हो चली है, 
अब पलकें बंद कर देते हैं, 

चलो एक चादर ओढ़ लेते हैं। 

कुछ घंटे आंखों में सुकून भरकर, 
आत्मा को परमात्मा से मिलने देते हैं, 

चलो एक चादर ओढ़ लेते हैं। 

पहर रातों के गुजरने लगें हैं, 
चांदनी को भी सब भरने देते हैं, 

चलो एक चादर ओढ़ लेते हैं। 

अधूरे सपनों के मिलने का समय हैं 
ख्वाबों को भी गहराई से जीने देते हैं 

चलो एक चादर ओढ़ लेते हैं।
_पूनमसिंह रात बहुत गहरी हो चली है, 
अब पलकें बंद कर देते हैं, 

चलो एक चादर ओढ़ लेते हैं। 

कुछ घंटे आंखों में सुकून भरकर, 
आत्मा को परमात्मा से मिलने देते हैं,
poonamsingh7895

Poonam Singh

New Creator

रात बहुत गहरी हो चली है, अब पलकें बंद कर देते हैं, चलो एक चादर ओढ़ लेते हैं। कुछ घंटे आंखों में सुकून भरकर, आत्मा को परमात्मा से मिलने देते हैं, #Poetry #poetrylovers #yourquote #nojotohindi #Lafz #poetrybysoul