चार रोटी कमाने थे निकले सफर पे सुकूं ही गवां बैठे ख़ुद के चमन के। था वो प्यारा मकां जिसमें थी मेरी माँ मेरे पापा का वो प्यार वाला जहाँ।। खिलौने वो सारे जिसे खेलती मेरी प्यारी बहन भाई जी और मैं। छोड़ आया उन्हें बस इसी के लिए कुछ खुशी थी कमानी खुशी छोड़ के।। #NojotoQuote #मेरा_घर