Nojoto: Largest Storytelling Platform

तेरी गुजारिशें बन रही हैं दिल की आहटें अधूरे पन्

तेरी गुजारिशें बन रही हैं 
दिल की आहटें 
अधूरे पन्नों की दास्तां
लबों से बयां करना है, 
जो तेरा नहीं 
उसे मुकम्मल करना है, 
काफी ऐतराम किया
मग़र मोहब्बत के दामन 
ना बन जाएँ 
दिलों की साजिशें, 
वक्त कैसा है
किसका है
ख़ुद को भी नहीं पता, 
धड़कन बनकर अपना बनाना है
तेरे लिए कुछ पाना है
कुछ खोना है।।

©Akanksha Dixit
  #sagarkinare 
ख़ुद को ख़ुद से मिलाना।।

#sagarkinare ख़ुद को ख़ुद से मिलाना।। #Poetry

213 Views