मार कर बेटी भला क्या पाओगे जन्नत न नसीब होगी बतलाओ कहा जाओगे जहनुम भी न स्वीकारेगा तुम्हें शर्म से दफ्न जमी मे हो जाओगे। ©sushil dwivedi #बिटिया