जुटा साहस, कदम बढ़ा; उस अनजान रास्ते पर अब चलकर तुझे दिखाना है¡ है वह वीरान और दुर्गम, वहम यह लोगों का मिटाना है । बाधाएं सब हट जाती हैं, जब कर्मवीर राह पर बढ़ता है। ज्यों तम हटता है, जब सूरज नभ में चढ़ता है।। पत्थर भी पानी बन जाता है, परचम जीत का तुझसा कर्मवीर ही लहराता है। वही अनजान रास्ते को सबके लिए सुगम बनाता है।। ©Suraj Sharma #कविता #प्रेरक #मोटिवेशनल #कर्मवीर #सूरजशर्मामास्टरजी