सेल्फी की निकट आत्मा हाथ खड़ा करती है उपस्थिति दर्ज करती है शेष,अशेष सांस रोक कर जोर लगाती है पूरा अवसर देती है सेल्फी, ओठों की लाली है नखरे वाली है सेल्फी, संयोजन है अपनी विशेषता का! चित्र..... लाल पीले शब्दों की एक कविता है कभी उसे भी पढा जाना चाहिए...। #सेल्फी #मै_कविता