Nojoto: Largest Storytelling Platform

गुल-ओ-गुलाब की तकदीर बिख़रना आया। गुज़रे लम्हों के

गुल-ओ-गुलाब की तकदीर
बिख़रना आया।
गुज़रे लम्हों के झरोखों से
निखरना आया।।
अपनी खुशबू की सुर्ख़ियों से
जो महकाते रहें।
ख़ाक़ होकर भी अतर बनके 
सँवरना आया।।

©संवेदिता
  #संवेदिता #गुलाब #samvedita #Rose #Nojoto #nojotohindi #nojotoshayari #nojotoquote #nojotopoetry #Valantine