ख़ाहिश आज बातें करने की थी, तुम जाने की तो जिद्द करने लगे । हम उस रोज जो खामोश थे, उस दफ़ा भी तुम मुझे सुनने की जिद्द करने लगे ।। और,इस कदर तुम ज़िद्दी हो, की,ज़िद्द पूरी न हुई तो ज़िद्द पूरी करने की जिद्द करने लगे ।। #ज़िद्द