आंसू को इंसाफ मिलेगा कब बोलो धरती को मधुमास मिलेगा कब बोलो आरक्षी तो चन्द्रलोक पहुँचेगे ही परवाजों को आकाश मिलेगा कब बोलो।। सागर पर गागर भारी थी हम क्या करते बधिरों से बहसें जारी थी हम क्या करते परिणामों के बाद परीक्षा देकर के