क्या खूब कहा है इस दीए ने जब तक बाती नहीं मेरा अस्तित्व अधूरा है। उसी प्रकार प्रेम के बिना हृदय कुछ भी नहीं ©Dr. H(s)uman , Homoeopath #दीया बाती