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“ कहत कवि शेलु ” हास्य कविता - बाबू , बाबू पत्न

“ कहत कवि शेलु ”

हास्य कविता - बाबू , बाबू 

पत्नी कह रही पति को ,
बाबू ,बाबू आज ।
दफ्तर के साहब बन गए ,
घर में बाबू आज ।।
पति है बाबू , पत्नी बाबू ,
और बाबू बने हैं बच्चे ।
घर में ही क्यों उड़ा रहे हो ,
इज्जत के परखच्चे ।।

एक बाबू , दो बाबू ,
सब बन जाओ बाबू ।
कान्हा - कान्हा रटने वाले ,
करो ‘ बाबू ’ पर काबू ।।
बाबू तो वो है ,
जो काम करे सरकार का ।
तू तो राम - श्याम है प्यारे ,
अपने घर - परिवार का !!

रचना - सुनील पोरवाल “ शेलु ”
 मनासा जिला - नीमच (म. प्र.)
मो.7447063307 #हास्य #कविता#बाबू,बाबू#सुनील पोरवाल#शेलु#हास्य कविता#हास्य रचना# Mayank Mandwariya
“ कहत कवि शेलु ”

हास्य कविता - बाबू , बाबू 

पत्नी कह रही पति को ,
बाबू ,बाबू आज ।
दफ्तर के साहब बन गए ,
घर में बाबू आज ।।
पति है बाबू , पत्नी बाबू ,
और बाबू बने हैं बच्चे ।
घर में ही क्यों उड़ा रहे हो ,
इज्जत के परखच्चे ।।

एक बाबू , दो बाबू ,
सब बन जाओ बाबू ।
कान्हा - कान्हा रटने वाले ,
करो ‘ बाबू ’ पर काबू ।।
बाबू तो वो है ,
जो काम करे सरकार का ।
तू तो राम - श्याम है प्यारे ,
अपने घर - परिवार का !!

रचना - सुनील पोरवाल “ शेलु ”
 मनासा जिला - नीमच (म. प्र.)
मो.7447063307 #हास्य #कविता#बाबू,बाबू#सुनील पोरवाल#शेलु#हास्य कविता#हास्य रचना# Mayank Mandwariya
sunilporwal0495

Sunil Porwal

New Creator

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