मंज़िल अगल हैं तो रास्ते भी अलग होगे जमाने की नजर में थोड़ा गलत भी होगे लेकिन जिस दिन मिली न मेरी मंजिल उस दिन जमाने में छाप भी मेरे अलग ही होगे ©Sathi Rakesh रियाल रियाल filling #Labourday