मेरी ज़िन्दगी की किताब कैसे पढ़ोगे साहब इसमें तो हर वर्क़ पर बिखरी सियाही है कहीं आंसुओं ने पोंछ दी तक़रीर कहीं यादों के पन्नों पर ढूंधल सी छायी है कहीं रह गए बहुत से अल्फ़ाज़ लिखने को कहीं पूरी कहानी एक नुक़्ते में सिमट आई है #किताब #challenge_accepted jagriti rocks Hope you will like this #बिखरी #सियाही #ढूंधल #अल्फ़ाज़ #नुक़्ता