हमने किया गुनाह तो दोज़ख़ मिली हमें, दोज़ख़ का क्या गुनाह की दोज़ख़ को हम मिले। -जौन एलिया करते रहे गुनाह सारी उम्र ऐ फैज़ी, दोज़ख़ मिली हमे ये हमारा क़ुसूर था। दोज़ख़ को हम मिले क्यों, बात है ये राज़ की, हर गुनाह जला देगा शायद उसको ग़ुरूर था॥ ©Rizwan Ahamad Faizi #जौन_एलिया #दोज़ख़ #जन्नत #क़ुसूर #Feeling #Life #Heart #Khuda जहन्नम #रिज़वान_अहमद_फैज़ी #Fire