ज़िंदगी की कई और उलझनों से उलझना बाकी है सब कुछ सुलझाने के लिए न जाने और कितने इम्तिहाँ है बाकी अपने वजूद को पहचानने से पहले.. न जाने और कितनी आज़माइशें है बाकी सुकूँ से मरने से पहले.. ~drg Inspired by the following quote: "एक बार उलझना है तुमसे, बहुत कुछ सुलझाने के लिए" ~Anonymous (I have no clue who originally wrote it, so kindly let me know!) #उलझन #ज़िंदगी #आज़माइशें #इम्तिहाँ #yqdidi #yqbaba #drgzindagi