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ज़हर भर भर के पियालों में मुझे साक़ी पिलाए जा , म

ज़हर भर भर के पियालों में 
मुझे साक़ी पिलाए जा ,
मुझे कर दे पराया तू 
मगर अपना बनाए जा ,

मुझे होता न नहीं है दर्द 
तेरे ज़ख़्म देने से 
यही तेरी इनायत है 
मुझे यूँ ही सताए जा,

ज़हर भर भर के पियालों में 
मुझे साक़ी पिलाए जा ,
             -नौशाद सदर खान #zahar
ज़हर भर भर के पियालों में 
मुझे साक़ी पिलाए जा ,
मुझे कर दे पराया तू 
मगर अपना बनाए जा ,

मुझे होता न नहीं है दर्द 
तेरे ज़ख़्म देने से 
यही तेरी इनायत है 
मुझे यूँ ही सताए जा,

ज़हर भर भर के पियालों में 
मुझे साक़ी पिलाए जा ,
             -नौशाद सदर खान #zahar