मय का शौक़ नहीं, फिर भी मदहोशी का आलम रहता है, मयकश हुआ अब, तेरी आँखों में जो मय का दरिया बहता है। 🎀 मदहोशी का आलम 🎀 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 आज की प्रतियोगिता (Challenge-329) "इश्क़ में मदहोश" को जीतने के लिए "मदहोशी का आलम" पर कोलाब करना अनिवार्य है। 🎀 4 लेखकों को मिलकर कोलाब करना है और कुछ अनोखा लिखने की कोशिश करनी है। एक पंक्ति में। 🎀 Font छोटा रखिएगा जिससे वालपेपर खराब न हो। कम लिखिए या ज़्यादा लिखिए परन्तु अपना लिखिए।