दिल का बैलेंस होता नही,ये झुक जाता है हर कही दिल को जितना संभालो,उतना ही डगमगा जाता है अब तो लगता है खंभे का सहारा चाहिए दिल क्या हम भी लुढ़कना चाहते है दिल की तरह झूलना चाहते है क्या कहे किसे कहे,अपना दर्द खुद सहे ना होता है कोई,यहा हर कोई करकोलता है घाव बढ़ जाने पर,अक्सर वही छोड़ता है जिसके वजह से खुद घाव कर बैठे, खुद घायल हो बैठे है आज वो रुसवा होकर मुझसे, खुद पागल बन बैठे है ©Vipin Neha #toyheart