कहा से टूटी मै कहा से बिखरी हूं हर बात का हिसाब दूंगी मै है बाकी प्रीत का तिनका अब भी दिल में, इस बात का प्रमाण दूंगी में रात की हलकी मुस्कान से रोने तक की आवाज़ को आज तुम्हे सुनाऊंगी में राहो के मोड़ को ज़िन्दगी का मोड़ कैसे समझी उसकी भी किताब दूंगी में तुम्हे हर बात में विवाद करने वाला आज शांत खड़ा सब कुछ देख कर उस बात का भी आज कारण दूंगी मै बस आज फिर तुम छत पर आना पहले की तरह तुम बताना और सुनूंगी मै। #लाइव