#PanktiKosh www.panktikosh.blogspot.com लपक के जलते थे..हम भी शरारे जैसे थे, जब नए नए थे.. तो तुम्हारे जैसे थे, हमने भी खूब देखा है कलियों का बागानो मे खिलना, एक ही भंवरे का कई कलियों से मिलना, ना जाने कितनी देर उसका इंतज़ार करते थे, जब नए नए थे.. तो तुम्हारे जैसे थे|| तुम्हारे जैसे थे... Bhavana Pandey